(Public issue) जब किसी गरीब परिवार को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है, तो वह सिर्फ रोग से नहीं, बल्कि इलाज के खर्च से भी संघर्ष करता है। लाखों रुपये खर्च करने वाली जटिल सर्जरी, ट्रांसप्लांट, कैंसर या दुर्घटना जैसे मामलों में गरीबों के लिए यह खर्च असहनीय होता है। ऐसे समय में महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधी गरीब मरीजों के लिए संजीवनी सिद्ध होती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि कई जरूरतमंदों के लिए जीवन की नई उम्मीद बन चुकी है।
(Public issue) सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित न रहकर यह योजना स्वास्थ्य सेवा में समानता का भी प्रतीक बनी है। वर्ष २०२५ के पहले छह महीनों (जनवरी से जून) के दौरान राज्यभर के २३,२६९ जरूरतमंद मरीजों को कुल १४८.६० करोड़ रुपये की सहायता दी गई। इनमें से १४,६५१ मरीजों को मुख्यमंत्री निधि से १२८.६ करोड़ रुपये की मदद मिली। वहीं, धर्मार्थ अस्पताल सहायता केंद्र से ८५०७ मरीजों को १५.२४ करोड़ रुपये तथा प्राकृतिक या कृत्रिम आपदाओं से पीड़ित १११ लोगों को ५.२९ करोड़ रुपये दिए गए।
(Public issue) जनवरी माह में FCRA पंजीकरण मिलने के बाद महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बना जिसे विदेश से भी निधि प्राप्त करने का अधिकार मिला। इसके साथ ही वारकरी श्रद्धालुओं के लिए “चरणसेवा” योजना, ऑनलाइन आय प्रमाण पत्र की जांच, धर्मार्थ अस्पतालों में मुफ्त व रियायती इलाज की सख्ती आदि सुधारों ने इस योजना को और अधिक पारदर्शी बनाया है।
इस योजना की प्रक्रिया पूर्णतः निशुल्क, पारदर्शी और बिचौलियों से मुक्त रखी गई है। मरीजों को इलाज शुरू होने के साथ ही आवेदन करना होता है। पहले महात्मा फुले जन आरोग्य योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, अथवा धर्मार्थ अस्पताल की सुविधाएं उपयोग करने के बाद ही इस निधि का लाभ दिया जाता है।
इस योजना में वर्तमान में २० गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया । जिनमें बच्चों के लिए कॉकलियर इम्प्लांट, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर सर्जरी, हृदय, लीवर, किडनी, ब्रेन डिजीज, डायलिसिस, जलने या करंट से घायल मरीजों का इलाज इत्यादि शामिल हैं। मरीज को २५,००० से २ लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में इलाज खर्च प्रमाणपत्र, अस्पताल में भर्ती की जियोटैग फोटो, आय प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मेडिकल रिपोर्ट्स आदि सम्मिलित हैं। आवेदन ईमेल : [email protected] पर स्कैन कर भेजा जाता है और फिर डाक द्वारा दस्तावेज जमा करने होते हैं।
इस निधि के माध्यम से सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि धर्मार्थ अस्पतालों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। यह योजना जनसामान्य के आत्मसम्मान और गरिमा को बनाए रखते हुए सशक्त शासन की सजीव मिसाल है।